Tuesday, 10 April 2012

[HM:252523] ज़िन्दगी और में

ज़िन्दगी और में
 
जिन्दंगी से पूछा मैंने, यह इक सवाल हैं
की बता तू जिंदा क्यूँ, तू इक बवाल हैं
 
ज़िन्दगी ने कहा रुक कर, दीवाने भी जिंदा हैं,
दीवानगी में जिंदा रह, और ज़िन्दगी में बनके दीवाना
 
येही है मेरे जवाबो का पैमाना
ढूढता रह मुझे हर वक़्त, येही बनेगा तेरा अफसाना
 
मर के भी तू कुछ ऐसा कर जाना, जिंदा लोगों की बस्ती में
हस्नते रहे तेरी मौत पे भी, की दीवानापन ऐसा कर मस्ती में |
 
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:)
Andy

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